રવિવાર, 2 ડિસેમ્બર, 2018

रामायण की अनजानी बातें


रामायण की  अनजानी बातें, जो आपको जानना चाहिए

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के प्रभावशाली चरित्र पर कई भाषाओं में ग्रंथ लिखे गए हैं। लेकिन मुख्यतः दो ग्रंथ प्रमुख हैं। जिनमें पहला ग्रंथ महर्षि वाल्मीकि द्वारा 'रामायण' इस पवित्र ग्रंथ में 24 हजार श्लोक, 500 उपखंड, तथा 7 कांड है।

दूसरा ग्रंथ गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है जिसका नाम 'श्री रामचरित मानस' है। इनमें महर्षि वाल्मीकि की को सबसे सटीक और प्रामाणिक माना जाता है। लेकिन श्रीराम के बारे में कुछ ऐसी बातें हैं जिनका विवरण श्रीया अन्य रामायण में नहीं है। इनका विस्तृत विवरण केवल वाल्मीकि कृत रामायण में है।

श्रृंगी ऋषि का हिरनी के गर्भ से जन्म लेने और भगवान् श्री राम की बहन से विवाह की सम्पूर्ण कहानी !!

1  रामायण के अनुसार राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाया था। इस यज्ञ को मुख्य रूप से ऋषि ऋष्यश्रृंग ने संपन्न किया था। ऋष्यश्रृंग के पिता का नाम महर्षि विभाण्डक था। एक दिन जब वे नदी में स्नान कर रहे थे तब नदी में उनका वीर्यपात हो गया। उस जल को एक हिरणी ने पी लिया था, जिसके फलस्वरूप ऋषि ऋष्यश्रृंग का जन्म हुआ था।

33 करोड़ देवी देवताओं का सच जानकर हैरान रह जाएंगे


हिंदू धर्म में तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं की मान्यता है, जबकि रामायण के अरण्यकांड के चौदहवे सर्ग के चौदहवे श्लोक में सिर्फ तैंतीस देवता ही बताए गए हैं। ग्रंथ के अनुसार बारह आदित्य, आठ वसु, ग्यारह रुद्र और दो अश्विनी कुमार, ये ही कुल तैंतीस देवता हैं।

Sita Swayamvar !! सीता स्वयंवर !! Full Episode !! Ramanand Sagar's 

Ramayan in HD 



3 महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित 'रामायण' में सीता स्वयंवर का वर्णन नहीं है। रामायण के अनुसार भगवान राम व लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिला पहुंचे, तब विश्वामित्र ने ही राजा जनक से श्रीराम को वह शिवधनुष दिखाने के लिए कहा। तब भगवान श्रीराम ने उस धनुष को उठा लिया और प्रत्यंचा चढ़ाते समय वह टूट गया। राजा जनक ने यह प्रण किया था कि जो भी इस शिव धनुष को उठा लेगा, उसी से वे अपनी पुत्री सीता का विवाह कर देंगे।

नलकुबेर का रावण को श्राप !!! 

nalkuber ka ravan ko shrap


4 विश्वविजय के दरम्यान जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। रावण ने उसे पकड़ लिया। तब रंभा ने कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए हूं। इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू हूं, लेकिन रावण नहीं माना और उसने रंभा से दुराचार किया। यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि आज के बाद रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसे स्पर्श करेगा तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे।

सुपर्णखा ने दिया रावण को सर्वनाश होने का श्राप


प्रभु राम के भाई लक्ष्मण ने रावण की बहन शूर्पणखा के नाक-कान काटे जाने से क्रोधित होकर ही रावण ने सीता का हरण किया था, लेकिन स्वयं शूर्पणखा ने भी रावण का सर्वनाश होने का शाप दिया था। दरअसल शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था। वो कालकेय नाम के राजा का सेनापति था। रावण जब विश्वयुद्ध पर निकला तो कालकेय से उसका युद्ध हुआ। उस युद्ध में रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया। तब शूर्पणखा ने मन ही मन रावण को शाप दिया कि मेरे ही कारण तेरा सर्वनाश होगा।


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